तुम जो मिल गए हो...

...श... कृपया शांति बनाए रखें। भगवान मिल गए हैं हालांकि हम तो बहुत पहले में ही कह रहे थे कि ‘कण-कण में भगवान हैं।’ एक फिल्म भी बनाई थी, इस टाइटल पर किंतु यूरोप ने अब तक साबित कर देने की मोहर लगा दी और यूरोप की कही बात में सबको वजऩ नजर आता है।
पर एक अजीब बात हुई, कुछ फर्क नहीं पड़ा, कल जब भगवान नहीं मिले थे और आज जब मिल गए हैं। अगर यही कण कहीं भारत में मिला होता तो अब तक लाखों टन दूध चढ़ा दिया होता, लार्जर हाड्रोन कोलाइडर पर करोड़ों फूल बरसा दिए होते और छप्पन भोग लगा दिए होते तरह-तरह के आभूषण कपड़े और इतने रुपए पैसे चढ़ावे में बरसा दिए होते कि इस मशीन को बनाने की लागत निकल आती। अब वह लाख कहते रहें कि भगवान नहीं हैं, बस एक कण मिला है जो बाकी कणों को द्रव्यमान देता है। इससे सृष्टि की रचना कैसे हुई जानने में मदद मिलेगी। पर वे क्या जाने, सृष्टि मतलब दुनिया और रचने वाले हमारे श्री भगवान।
आज भले ही इन कणों को इलेक्ट्रोन प्रोटोन, न्यूट्रोन हिब्स बोसोन कह लें, कल फिर इन्हें फिर इन्हें पता चलेगा कि ये दरअसल ब्रह्मा विष्णु महेश ही थे। और ये थ्योरी भी कोई नई नहीं है कि इस कण से ही सबको द्रव्यमान मिलता है। अब पिछले दिनों की चर्चा में रहे बाबा को ही देखें सीमेंट का ठेका लेते थे, वह बात नहीं बनी, ईश्वर की कृपा आनी शुरू हुई इतना द्रव्यमान मिला, आज अरबों के मालिक हैं। किसी एक बाबा भक्त का नाम लें जो भी इस ईश्वरीय कण से जुड़ा है द्रव्यमान इतना बढ़ गया कि संभालने के लिए संस्थाएं बनानी पड़ती हैं।
दरअसल, मुझे भी बड़ी प्रतीक्षा थी भगवान को जानने की, मिलने की, अच्छा हुआ मेरे रहते ही खोज लिए गए। नहीं, अनपढ़ों वाली बात नहीं कर रहा हूं। अच्छा लगता है, साइंस को भगवान से जोड़ कर देखना, भगवान को साइंटिफिकली प्रूव होते देखना। सब पता चल जाए। कृष्ण जी के महारास का रहस्य, सीता माता के पृथ्वी में समा जाने का राज़, रावण के दस सिर, मां दुर्गा के आठ हाथ। विष्णु का सुदर्शन चक्र, कुरान के खुदा की ताकत, बाइबिल के क्राइस्ट की असली वेदना, यीशु के जन्म के समय की आलौकिकता। सब, सब जान जाएं और फिर जी भर ने हंसे इन धूप अगरबत्तियों, चढ़ावे, प्रसाद, मंदिरों पर कि बेकार ही इतने पैसे वेस्ट किए सब चीजों पर वापिस मांग ले नामदान, ये दान, वो दान के नाम पर दिए अपने सारे पैसे। शायद वैश्विक मंदी से भी निजात मिल जाए।
अरे रुको, रुको, अभी कुछ साबित नहीं हुआ है, जो कुछ मिला है निहायत ही फिजिक्स है। अपने भगवान से इसका कुछ लेना-देना नहीं है। ये कुछ ऐसा है जैसे पीटर हिग्स ने वो कण देखते ही कहा हो, ओह! माई गॉड मिल गया। जहां तक अपने भगवान की बात है, वे माशा अल्लाह हैं और खुदा कसम यूं ही अपने शानो-शौकत से बने रहेंगे और भगवान करें बने भी रहें क्योंकि भगवान आप हैं तो हम हैं, हम हैं तो आप हैं...
-डॉ.पूनम परिणिता